मैं अच्छी हूं
मैं अच्छी हूं बहुत अच्छी हूं , उन्होंने आज फिर ये फरमाया है , लगता है उन्हें कुछ काम याद आया है। मां कहती थी मुझे , पर समझ आज मुझे आया है। ये रिश्ते नाते न यारी होती किसी की , सब के होते हुए भी , खुद को अकेला ही तो मैने पाया है। अपना कहते हैं, पर अर्थ कहां उन्हें समझ आया है। जरूरतें हैं सबकी , बिन इसके हर कोई पराया है। कहूं मैं क्या कुछ ओरों की , अरे मुझे तो खुद मेरे अपनों ने ठुकराया है। उन्होंने आज फिर मुझ पर प्यार बरसाया है , लगता है उन्हें कुछ काम याद आया है । इस दुनिया में सिर्फ तुम ही तुम्हारे हो, ना जाने क्या कहानी है तुम्हारी, क्यों रोते ही जाते हो । कद्र करो खुद की , तुम उस खुदा की कृति हो , अकेले ही जाना है , और अकेले ही आये हो ।
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