Transgender( नपुंसकलिंग) : बचपन में हिंदी में पढ़ा था कि तीन प्रकार के लिंग होते हैं, पर कभी किसी ने इस तीसरे लिंग के ऊपर बात नहीं की, जब पूछा तो बताया भी नहीं लेकिन वक्त के साथ पता लगता गया कि आखिर इसका अर्थ क्या होता है।
वह तुम्हारी खुशियों में शरीक होने आते थे और ढेरों बधाइयां देके जाते सुना है कि बहुत ताकत होती है उनकी दुआ में क्योंकि ऊपर वाले से उनका सीधा कनेक्शन है पर क्या हमने उनके साथ वह कनेक्शन कभी बनाने की कोशिश की यह जानने की कोशिश की, कि क्यों हम उनको खुद से अलग समझते हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है।

वह हकदार है इतनी इज्जत के जितनी की इच्छा हम रखते हैं और कोई भी प्राणी कोई भी जीव और कोई भी मनुष्य। हम सिर्फ इतना कर सकते हैं कि हम उन्हें वैसे ही अपना ले जैसे कि हम अपने आसपास के लोगों को अपना लेते हैं क्योंकि जब प्रकृति फर्क नहीं करती तो हम भी तो उसी का ही एक हिस्सा है जिस बागान के फूल हम हैं उस बागान का एक गुलाब वो भी है।।
समलैंगिक हूँ अभिशाप नहीं
अछूत नहीं हें फिर भी हमको छूने से डरते हो !
देखो विलायती वायरस से अब तुम अपनों से ही कतरते हो !!
हीन नहीं हम अधिकार कानूनी है !
पर समाज में तुम्हारे हमारा अस्तित्व बेमानी है !!
खुशियों में तो हमारी तालियां खूब भाती है !
पर उससे अलग अंदाज में बेरुख़ी और मुंह पर गाली है !!
भीख नहीं चाहते तुमसे बस थोड़ा काम ही दे दो !
नोबत ना आने देंगे शिकायत की बस एक बार इंसान हमें कह दो !!
घर में पैदा हो किसी के तो तरस तुमको आता है !
पर गलती से हम तुम्हारे यहां ना हो दिल तुम्हारा भी तो यही चाहता है !!
प्यार हमको भी तुमसा ही हो पाता है !
फर्क इतना है बस हमें कोई हमसा ही भाता है !!
गर तुमें भी ये कुछ और नहीं बस लगती कोई ना इंसाफी है !
तो रोको मत हमें जगजाहिर होने से हमारे लिए बस इतना ही काफी है !!
फेर बदल ही तो है शरीर का !
पर मरने के बाद तो ये भी बेमानी है !!
होंगे हम भी राख तुमसे ही !
लहू है जिस्म में तुम्हारा क्या पानी है !!
हिंदी में लिंग पढ़े होंगे वो तीसरा प्रकार हमारा है !
(नपुंसकलिंग और ना जाने क्या क्या नये नाम रखे हो तुम)
पर तुमसा ही कोई एक नाम हमारा है !!!
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